देहरादून आपदा: भीषण बारिश और बाढ़ में अब तक 30 की मौत, 10 लापता, शव हरियाणा-यूपी तक पहुंचे
Dehradun disaster: 30 dead, 10 missing in heavy rain and floods, bodies reach Haryana and UP

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी में 15 सितंबर की रात से 16 सितंबर की सुबह तक हुई मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाया। अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने कई इलाकों में तबाही मचा दी। नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ने से घर, सड़कें और पुल बह गए। प्रशासन ने अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि 10 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव दल लगातार मलबे और तेज धारा में दबे व बह चुके लोगों की तलाश में जुटे हैं।
टोंस नदी में सबसे बड़ा हादसा
सबसे भयावह घटना देहरादून के परवल क्षेत्र में हुई, जहां 16 सितंबर की सुबह एक ट्रैक्टर-ट्रॉली अचानक टोंस नदी की उफनती धारा में बह गई। ट्रॉली पर सवार 14 लोग पलभर में लापता हो गए। सर्च टीमों ने अब तक 12 शव बरामद कर लिए हैं, जबकि दो लोग अभी भी गायब हैं। यह हादसा हालिया बारिश के दौरान सामने आई सबसे बड़ी त्रासदी बन गया है, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया।
पड़ोसी राज्यों तक पहुंचे शव
बारिश और बाढ़ का मंजर इतना भयावह था कि कई शव देहरादून से बहकर पड़ोसी राज्यों तक पहुंच गए। प्रशासन ने बताया कि हरियाणा के यमुनानगर में मिला एक शव पुष्पेंद्र नामक व्यक्ति का है, जो उत्तर प्रदेश के अमरोहा का निवासी था। इसी तरह सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में मिला एक शव प्रीतम सिंह के रूप में पहचाना गया, जो भी अमरोहा का ही रहने वाला था। ये घटनाएं इस आपदा की भीषणता को स्पष्ट करती हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
आपदा के बाद से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासनिक टीमें लगातार राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। पानी का स्तर घटने के साथ ही कई स्थानों से शव बरामद किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी देहरादून रोजाना प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कई शेल्टर होम बनाए हैं और प्रभावित परिवारों को आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा
फिलहाल 30 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई है, लेकिन प्रशासन का मानना है कि मलबे और तेज धारा में लापता लोगों के कारण मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। कई जगहों पर सड़कें टूटी हैं, पुल बह गए हैं और घरों में पानी घुस गया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है।
देहरादून की यह आपदा न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से नदियों के किनारे न जाने की अपील की है। राहत कार्य तेज़ करने और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता देने के लिए शासन ने सभी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा है।