“मुझे हिंदी नहीं आती” ,हिंदी का जवाब तमिल में दिया,
"रेल राज्य मंत्री के कार्यालय से आने वाला पत्र हमेशा हिंदी में होता है"
नई दिल्ली: (एजेंसी ) डीएमके नेता और राज्यसभा सांसद एमएम अब्दुल्ला ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के हिंदी पत्र का जवाब देते हुए कहा कि वह हिंदी नहीं समझते और उन्होंने अनुरोध किया कि आधिकारिक पत्र अंग्रेजी में भेजे जाएं। एमएम अब्दुल्ला ने बिट्टू के पत्र और उनके जवाब की तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद केंद्रीय मंत्री हिंदी में संवाद करते रहे। उन्होंने कहा कि इस बार उनका उद्देश्य बिट्टू को समझ में आने वाले तरीके से जवाब देना था और उन्होंने दृष्टिकोण में बदलाव की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, “रेल राज्य मंत्री के कार्यालय से आने वाला पत्र हमेशा हिंदी में होता है। मैंने उनके कार्यालय में तैनात अधिकारियों को फोन किया और कहा कि मुझे हिंदी नहीं आती, कृपया पत्र अंग्रेजी में भेजें, लेकिन पत्र हिंदी में था। मैंने जवाब इस तरह भेजा है
मुझे हिंदी नहीं आती’: डीएमके के राज्यसभा सांसद ने केंद्रीय मंत्री के पत्र का तमिल में जवाब दिया ।
डीएमके सांसद की प्रतिक्रिया केंद्रीय रेल राज्य मंत्री द्वारा 21 अक्टूबर को लिखे गए पत्र के बाद आई है, जिसमें ट्रेनों में स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई गई थी। यह तब हुआ है जब हाल ही में हिंदी माह के समापन समारोह और चेन्नई दूरदर्शन के स्वर्ण जयंती समारोह को लेकर तमिलनाडु के सीएम स्टालिन और राज्यपाल आरएन रवि के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। डीएमके सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी-केंद्रित कार्यक्रम आयोजित करने के केंद्र के फैसले पर पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया, उनका तर्क था कि इस तरह की पहल से अलग-अलग भाषाई पहचान वाले क्षेत्रों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है ।
केंद्रीय मंत्री ने हिंदी में लिखा था, “आपको याद होगा कि आपने रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता तथा ट्रेनों और स्टेशनों पर अनधिकृत बिक्री को रोकने के संबंध में 5 अगस्त को ‘विशेष उल्लेख’ के तहत राज्यसभा में मामला उठाया था।