टिहरी झील में 1,050 करोड़ की पर्यटन परियोजना: एडीबी संग समझौता
1,050 crore tourism project in Tehri lake: Agreement with ADB

देहरादून: उत्तराखंड की टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन गंतव्य बनाने की दिशा में राज्य सरकार और भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। एशियाई विकास बैंक (ADB) ने लगभग 1,050 करोड़ रुपये का ऋण देने के लिए समझौता किया है। इस राशि का पूरा उपयोग टिहरी गढ़वाल जिले में जलवायु-अनुकूल और टिकाऊ पर्यटन ढांचे के विकास में किया जाएगा। परियोजना से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि हजारों लोगों के लिए नए रोजगार अवसर भी पैदा होंगे।
पीएम मोदी के दौरे से पहले टिहरी को बड़ा तोहफा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित उत्तराखंड दौरे से पहले यह समझौता टिहरी के लिए विशेष महत्व रखता है। टिहरी झील राज्य के सबसे जलवायु-संवेदनशील और आर्थिक रूप से पिछड़े इलाकों में शामिल है। लंबे समय से राज्य सरकार यहां सी-प्लेन सेवा जैसी योजनाओं और आधुनिक पर्यटन सुविधाओं को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही थी। अब एडीबी के वित्तीय सहयोग से झील के आसपास उच्चस्तरीय बुनियादी ढांचा, स्वच्छता और आपदा प्रबंधन की तैयारियां संभव होंगी।
87 हजार लोगों को लाभ, 27 लाख पर्यटक आकर्षित होंगे
परियोजना लागू होने के बाद अनुमान है कि टिहरी झील क्षेत्र के 87,000 से अधिक स्थानीय लोग प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। साथ ही, सालाना लगभग 27 लाख पर्यटक आधुनिक और सुरक्षित पर्यटन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह कदम राज्य की उस नीति को मजबूत करेगा, जिसके तहत उत्तराखंड को हर मौसम में आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
समझौते पर हस्ताक्षरकर्ता और उनके विचार
नई दिल्ली में हुए समझौते पर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और एडीबी के भारत मिशन प्रभारी काई वेई येओ ने हस्ताक्षर किए। जूही मुखर्जी ने कहा कि यह ऋण उत्तराखंड को विविध और हर मौसम में उपयुक्त पर्यटन गंतव्य बनाने में मदद करेगा। एडीबी अधिकारी काई वेई येओ ने बताया कि यह परियोजना जलविद्युत झील के आसपास टिकाऊ पर्यटन मॉडल प्रस्तुत करेगी, जो रोजगार के नए अवसर और स्थानीय आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी।
परियोजना के मुख्य लक्ष्य
- जलवायु-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा: पर्यावरण-संवेदनशील निर्माण।
- भूस्खलन और बाढ़ जोखिम कम करना: प्राकृतिक समाधान अपनाना।
- समावेशी पर्यटन: महिलाओं, युवाओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी।
- आजीविका मिलान अनुदान: छोटे उद्यमियों और स्टार्टअप को सहयोग।
- विकलांग अनुकूल सुविधाएं: दिव्यांगजन के लिए आसान पहुंच।
- महिला नेतृत्व वाली आपदा प्रबंधन पहल: पायलट गांवों में महिलाओं को सशक्त बनाना।
राज्य सरकार की रणनीति को नई दिशा
उत्तराखंड सरकार लंबे समय से टिहरी झील को रोमांचक और सर्व मौसम पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में काम कर रही है। सी-प्लेन सेवा, साहसिक खेल और पर्यावरण-अनुकूल ढांचे जैसी योजनाओं को अब इस ऋण सहायता से तेजी मिलेगी।
यह परियोजना न केवल पर्यटन के नए द्वार खोलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका, महिला सशक्तिकरण और आपदा प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों को भी सुदृढ़ बनाएगी। टिहरी झील का यह नया अध्याय उत्तराखंड को सतत पर्यटन के क्षेत्र में एक मिसाल के रूप में प्रस्तुत करेगा।