
देहरादून: उत्तराखंड ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई और बेहतर रखरखाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा आयोजित ‘क्लीन टॉयलेट चैलेंज – 2023’ में उत्तराखंड ने सौ से अधिक निकायों वाले राज्यों में तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस सूची में गुजरात पहले और ओडिशा दूसरे स्थान पर रहे।
स्वच्छता के उच्चतम मानकों पर खरे उतरे उत्तराखंड के शौचालय
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत आयोजित इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड के 40% सार्वजनिक शौचालयों को स्वच्छता और सुरक्षा के उच्चतम मानकों पर खरा पाया गया। राज्य में 2553 सार्वजनिक शौचालय सीटें मौजूद हैं, जो ज्यादातर शहरी निकायों, यात्रा मार्गों, तीर्थ और पर्यटन स्थलों पर स्थित हैं।
सार्वजनिक शौचालयों की संख्या और स्वच्छता पर जोर
राज्य के शहरी विकास सचिव नितेश झा ने बताया कि शहरी निकायों को सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता बनाए रखने और इनकी संख्या बढ़ाने के विशेष निर्देश दिए गए हैं। प्रतियोगिता के दौरान सार्वजनिक शौचालयों को चालू हालत में रखने, उनकी स्वच्छता सुनिश्चित करने और उनकी पहुंच को आसान बनाने पर खास ध्यान दिया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की प्रशंसा
उत्तराखंड की इस सफलता पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वच्छ भारत मिशन की सराहना करते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से देशवासियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। प्रदेश सरकार भी इस अभियान को मिशन मोड पर संचालित कर रही है। शहरी विकास विभाग इस उपलब्धि के लिए प्रशंसा का पात्र है।”
गुजरात और ओडिशा भी शीर्ष स्थानों पर
‘क्लीन टॉयलेट चैलेंज – 2023’ में गुजरात को पहला और ओडिशा को दूसरा स्थान मिला। यह प्रतियोगिता पूरे देश में सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढ़ाने और उनकी स्थिति सुधारने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्तराखंड का यह कदम न केवल राज्य के पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद करेगा, बल्कि पर्यटन और यात्रियों के अनुभव को भी बेहतर बनाएगा।