
दिल्ली की राजनीति में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम हमेशा सुर्खियों में रहता है, लेकिन हाल ही में एक दिलचस्प और अटकलों से भरी चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। कहा जा रहा है कि दिल्ली के सीएम पद के लिए खुद अरविंद केजरीवाल ही अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल का पत्ता काट रहे हैं। यह खबर राजनीति गलियारों में हलचल पैदा कर रही है और लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है?
सूत्रों की मानें तो केजरीवाल परिवार में कुछ आंतरिक मतभेद चल रहे हैं, जिनका सीधा असर राजनीति पर पड़ता दिख रहा है। हालांकि, ये मतभेद व्यक्तिगत कम और राजनीतिक रणनीति ज्यादा मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि कुछ समय से यह चर्चा चल रही थी कि सुनीता केजरीवाल को राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए आगे लाया जा सकता है। वे एक सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी हैं और उनकी प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था।
लेकिन इस योजना में बड़ा बदलाव तब आया, जब अरविंद केजरीवाल ने खुद अपनी पत्नी को राजनीति से दूर रखने का मन बना लिया। इसका मुख्य कारण माना जा रहा है कि केजरीवाल नहीं चाहते कि उनके परिवार का कोई अन्य सदस्य राजनीतिक विवादों में फंसे या आलोचनाओं का शिकार बने। उनके सामने कई उदाहरण हैं, जहां राजनीति में परिवार के अन्य सदस्यों की भागीदारी ने नेताओं को मुश्किल में डाल दिया है। वे शायद अपने परिवार को इस तरह के विवादों से बचाना चाहते हैं।
इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल की छवि एक ‘सिंगल मैन’ शो वाली है, जो आम आदमी पार्टी का चेहरा बने रहना चाहते हैं। ऐसे में उनकी पत्नी का राजनीति में प्रवेश इस छवि को धक्का पहुंचा सकता है। वे शायद पार्टी और सरकार में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखना चाहते हैं और इसलिए वे खुद सुनीता केजरीवाल के लिए राजनीति के दरवाजे बंद कर रहे हैं।
हालांकि, यह पूरा मामला अभी अटकलों पर आधारित है, और सुनीता केजरीवाल की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन राजनीति में कब, क्या हो जाए, यह कहना मुश्किल है। राजनीति के इस खेल में अरविंद केजरीवाल का अगला कदम क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी