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“तापमान में गिरावट के साथ ठंड ने दस्तक,रजाई संभालने का आया समय”

आंशिक बादल छाने से मौसम में बदलाव के संकेत।

उत्तराखंड: बीते साल नवंबर माह के शुरू में ही तापमान में गिरावट के साथ ठंड ने दस्तक दे दी थी। इस बार नवंबर का पहला पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी ठंड का असर ज्यादा देखने को नहीं मिला है। दूसरा पखवाड़ा शुरू होने के बाद तापमान में गिरावट आने लगी है, जिससे लोगों को जल्द रजाई संभालनी पड़ेगी। मौसम विभाग के अनुसार अभी बरसात की जल्द कोई संभावना नजर नहीं आ रही, जिस कारण ठंड भी देरी से शुरू हो रही है। रात को तापमान गिरने के कारण लोगों को हल्की ठंड का एहसास जरूर होने लगा है।

तापमान में गिरावट आनी हुई शुरू:-

गत वर्ष 16 नवंबर तक ठंड अपने पीक पर आ चुकी थी। पंखे तक चलने बंद हो गए थे। रजाई से लेकर गर्म कपड़ों तक का इस्तेमाल शुरू हो गया था। इस बार अभी तक लोगों को गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस नहीं हो रही। पंखे दिन-रात चल रहे हैं। अब तापमान गिरना शुरू हो गया है, जिससे लोगों के नवंबर माह के अंत तक तेज ठंड का एहसास होना शुरू हो जाएगा। बरसात नहीं होने के कारण ठंड की शुरूआत होने में देरी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार आंशिक बादल छाने के बाद तापमान में गिरावट आ सकती है, जिससे सर्दी की असली शुरूआत हो सकेगी। बरसात की अभी जल्द संभावना नहीं जताई जा रही।

ठंड के साथ बढ़ेगा प्रदूषण का स्तर:- 

ठंड की शुरूआत में हो रही देरी के कारण अभी प्रदूषण की समस्या ज्यादा गंभीर नहीं हुई है। एक्यूआई 300 से नीचे चल रहा है। शनिवार को सुबह यह 262 रिकॉर्ड किया गया, जबकि शाम के समय 280 पर पहुंच गया। हवा में नमी का स्तर बढ़ने के साथ ही एक्यूआई ठंड के मौसम में 300 के पार जा सकता है, जिससे प्रदूषण की समस्या भी परेशान करेगी। इस समय कोहरे की बजाय धूल और धुआं के कण विजिबिलिटी कम कर रहे हैं।

किसान कर रहे बारिश का इंतजार:- 

पिछले वर्ष अक्टूबर और नवंबर दोनों माह में रुक-रुककर बरसात हुई थी। इससे ठंड भी शुरू हो गई थी। इस बार दोनों माह में अभी तक बरसात नहीं हुई है। मौसम विभाग की ओर से 15 नवंबर को बरसात की संभावना जताई गई थी, परंतु बारिश नहीं हुई। शनिवार शाम आसमान में आंशिक बादल छाने से बूंदाबांदी की संभावना बनने लगी। इस समय किसानों की नजरें आसमान पर टिकी हुई है। अगर अच्छी बरसात होती है, तो इससे फसलों को काफी फायदा होगा।

21 नवंबर तक खुश्क रहेगा मौसम:- 

जानकारों का मानना है कि देश के राज्यों के ज्यादातर क्षेत्रों में 12 से 16 नवंबर तक स्मॉग की स्थिति बनी। इसका मुख्य कारण लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हवाओं में बदलाव, उत्तर व उत्तर पश्चिमी हवाओं से पुरवाई होने के कारण वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ने से धूल तथा अन्य प्रदूषक तत्व निचले वातावरण में संघनित हो गए, जिससे स्मॉग बना व दिन और रात्रि तापमान में गिरावट दर्ज की गई। प्रदेश में 21 नवंबर तक मौसम खुश्क रहने की संभावना है। 22 नवंबर रात्रि से एक और पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से मौसम में बदलाव की संभावना है।

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