
विकासनगर: कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी, देहरादून, लगातार किसानों के लिए नई किस्मों की पौध तैयार कर रहा है। इस बार केंद्र के वैज्ञानिकों ने कद्दू और टमाटर की उन्नत किस्म की पौध विकसित की है, जिसे लेकर किसानों में काफी उत्सुकता देखी जा रही है।
कद्दू और टमाटर की नई किस्में उपलब्ध
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने कद्दू वर्गीय हाईब्रिड धारी वाली और काली तोरई, लम्बी व गोलाकार लौकी, करेला और खीरा जैसी पौध विकसित की है। ये पौधे किसानों को प्रति पौधा 10 रुपये में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा, केंद्र में इंडम 1313 किस्म के टमाटर की पौध भी किसानों के लिए तैयार की गई है, जो अपने बड़े आकार और मजबूत छिलके की वजह से लंबी दूरी तक परिवहन में भी खराब नहीं होगी।
पर्पल और पीली गोभी: सेहत के लिए वरदान
केंद्र में फूलगोभी की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें पर्पल और पीले रंग की गोभी किसानों के आकर्षण का केंद्र बनीं। अभी तक किसान सफेद फूलगोभी का उत्पादन करते आए हैं, लेकिन नई किस्में जल्द ही खेतों में दिखेंगी। इन दोनों गोभियों में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होगी।
बेल वाली टमाटर फसल के लिए नया तकनीकी समाधान
केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में टमाटर की खेती के लिए कई चुनौतियां हैं। किसानों को फसल की अच्छी पैदावार और मैदानों तक सुरक्षित परिवहन के लिए एक नया तकनीकी समाधान “रोलर रूक्स” विकसित किया गया है। इस तकनीक से टमाटर की बेलों को सही सपोर्ट मिलेगा और उपज भी अधिक होगी।
कद्दू वर्गीय 35,000 पौधे तैयार, किसानों की बढ़ी रुचि
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस साल 35,000 कद्दू वर्गीय पौधे तैयार किए गए हैं, जिनमें से प्रतिदिन लगभग 6,000 पौधें किसानों को बेची जा रही हैं। शिवरात्रि का समय इन पौधों के रोपण के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल सकेगा।
नए पौधों से किसानों को मिलेगा बेहतर उत्पादन
कृषि विज्ञान केंद्र की यह पहल किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल रही है। उन्नत किस्मों की पौध और नवीनतम तकनीकों के इस्तेमाल से खेती में बेहतर उत्पादन और उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।