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राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ अभियान तेज, चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग

Rahul Gandhi's 'vote theft' campaign intensifies, demands transparency from Election Commission

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावों में कथित धांधली के आरोपों को लेकर अपना हमला तेज कर दिया है। इसी सिलसिले में कांग्रेस पार्टी ने एक नया वेब पोर्टल शुरू किया है, जिसके जरिए नागरिकों से ‘वोट चोरी’ के खिलाफ समर्थन जुटाने की अपील की गई है। पार्टी का कहना है कि इस पोर्टल पर पंजीकरण कर जनता चुनाव आयोग से जवाबदेही की मांग कर सकती है और विपक्ष की डिजिटल मतदाता सूची की पहल को समर्थन दे सकती है।

राहुल गांधी का सख्त बयान

पोर्टल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में राहुल गांधी ने कहा, “ये देशद्रोह है, ये राजद्रोह है, टाइम आएगा! हम आपको पकड़ेंगे! बचने वाले नहीं हो!” उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘वोट चोरी’ लोकतंत्र के मूल सिद्धांत “एक व्यक्ति, एक वोट” पर सीधा हमला है। राहुल का कहना है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी डिजिटल मतदाता सूची आवश्यक है।

डिजिटल मतदाता सूची की मांग

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से स्पष्ट मांग की कि वह डिजिटल मतदाता सूची को सार्वजनिक करे, ताकि राजनीतिक दल और आम नागरिक उसका स्वतंत्र ऑडिट कर सकें। उन्होंने जनता से अपील की कि पोर्टल पर पंजीकरण कर इस अभियान का हिस्सा बनें। पोर्टल पर जाकर कोई भी व्यक्ति ‘वोट चोरी’ से जुड़े सबूत और चुनाव आयोग की जवाबदेही की मांग वाला दस्तावेज डाउनलोड कर सकता है।

भाजपा और चुनाव आयोग पर आरोप

वीडियो में राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग पर मिलकर बड़े पैमाने पर चुनावी धोखाधड़ी करने का आरोप दोहराया। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल क्षेत्र के केवल एक विधानसभा खंड में ही एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता पाए गए, जिससे भाजपा को लोकसभा सीट जीतने में मदद मिली। राहुल ने चेतावनी दी कि अगर ऐसी स्थिति 70 से 100 सीटों पर हो, तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पूरी तरह बर्बाद कर सकती है।

प्रमाणपत्र और समर्थन अभियान

पोर्टल पर पंजीकरण के बाद व्यक्ति को एक डिजिटल प्रमाणपत्र जारी किया जाता है, जिसमें लिखा होता है कि वह ‘वोट चोरी’ के खिलाफ है और राहुल गांधी की डिजिटल मतदाता सूची की मांग का समर्थन करता है। इस प्रमाणपत्र पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अजय माकन के हस्ताक्षर होते हैं। पंजीकरण फोन कॉल या एसएमएस के जरिए भी किया जा सकता है।

चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर इस अभियान को बढ़ावा देने के बीच, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी पर दबाव डाला कि वह अपने दावों के समर्थन में एक हस्ताक्षरित घोषणापत्र पेश करें। आयोग का कहना है कि यदि उनके पास पुख्ता सबूत नहीं हैं, तो उन्हें ‘फर्जी’ आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। यह विवाद कम से कम तीन राज्यों में कथित वोट चोरी के मामलों को लेकर राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच बढ़ती तनातनी को दर्शाता है।

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