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आवास योजना के AHP घटक अंतर्गत शिकारपुर-रूड़की आवासीय योजना के कब्जा हस्तांतरण

Transfer of possession of Shikarpur-Roorkee Housing Scheme under AHP component of Housing Scheme

  •  आवास योजना के AHP घटक अंतर्गत शिकारपुर-रूड़की आवासीय योजना के कब्जा हस्तांतरण

देहरादून 15 सितंबर 2024 । आवास व शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि आवास विभाग द्वारा अति दुर्बल वर्ग हेतु आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के AHP घटक अंतर्गत कुल 20 परियोजनाओं में 15,960 आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई है। बताया कि यह आवास भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान से बनाये जा रहे हैं।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि 464 आवासों का निर्माण पूर्ण कर लाभार्थियों को कब्जा दिया जा चुका है। शेष आवासों का कब्जा दिसम्बर, 2024 तक दिया जाना है। इन परियोजनाओं में से 05 परियोजनाएं क्रमशः मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा 03, हरिद्वार-रूडकी विकास प्राधिकरण द्वारा 01 एवं जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण ऊधमसिंह नगर द्वारा 01 तथा उत्तराखण्ड आवास एवं विकास परिषद् द्वारा निजी सहभागिता से 15 परियोजनाएं सम्मिलित हैं।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि परिषद् एवं प्राधिकरणों के पास भूमि उपलब्ध न होने के कारण राज्य सरकार द्वारा इस कल्याणकारी कार्य में निजी विकासकों का सहयोग लेकर अति दुर्बल वर्गों का अपने घर का सपना पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड आवास एवं विकास परिषद् द्वारा परिकल्पित मैसर्स लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन प्रा० लि० रुड़की द्वारा निर्माणाधीन शिकारपुर-रूड़की आवासीय परियोजना के 101 लाभार्थियों का कब्जा हस्तांतरण दिनांकः 16.09.2024 को मुख्य सेवक सदन में सौंपा जाना प्रस्तावित है। इस परियोजना के समस्त आवासों का कब्जा माह सितम्बर एवं अक्टूबर में लाभार्थियों को सौंपे जाएंगे। परियोजना का कार्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित समयावधि 31 दिसम्बर, 2024 से दो माह पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को 1.5 लाख रूपये प्रति आवास का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि केन्द्र सरकार द्वारा प्रति लाभार्थी 1.5 लाख रूपये प्रति आवास का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। लाभार्थी को मात्र 03 लाख रूपया निर्माण के विभिन्न चरणों में दिया जाना है। राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों की सुगमता के लिए जहां एक ओर आवासीय इकाई के विक्रय पत्र के निष्पादन में मात्र एक हजार रूपया स्टाम्प शुल्क निर्धारित किया गया है, वहीं पंजीकरण शुल्क भी मात्र 500 रू० रखा गया है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार परियोजना स्थल तक सड़क, बिजली एवं पानी की सुविधा उपलब्ध करा रही है, जबकि सम्बन्धित विकासक द्वारा परियोजना स्थल के अन्दर विद्युत वितरण व्यवस्था, पेयजल वितरण व्यवस्था, सीवर- STP, स्ट्रीट लाइट, सड़कें व पार्क इत्यादि की सुविधा प्रदान की जा रही है

डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशन में आवास विभाग का लक्ष्य है कि वह सभी परियोजनाओं को 31 दिसम्बर, 2024 से पहले पूर्ण कर लाभार्थियों को कब्जा प्रदान कर उनके अपने घर का सपना साकार करे।

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