“अंधे कानून के सामने घुटने टेकती इंजीनियर अतुल सुभाष की हिम्मत”
अतुल सुभाष तुम्हारी मौत और मां-बाप के आंसू किसी को पिघला नहीं पाएंगे
नई दिल्ली : (एजेंसी) बेंगलुरु में एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या की पूरे देश में चर्चा है। 34 साल के अतुल सुभाष एक बड़ी कंपनी में बड़े ओहदे पर कार्यरत थे. अरोप है कि पत्नी और उसके परिजनों से तंग आकर अतुल सुभाष ने यह कदम उठाया.
सुसाइड करने से पहले अतुल ने लगभग 24 पन्नों का एक नोट लिखा और लगभग 90 मिनट का एक वीडियो भी जारी किया,120 तारीखें, 40 बार कोर्ट के चक्कर और जज की घूस की डिमांड… न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर गया
यूपी के इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में कई ऐसी बातें सामने आई हैं जिनसे न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अतुल ने 90 मिनट के वीडियो में बताया कि कैसे पत्नी और ससुरालियों ने उनके खिलाफ 9 झूठे मुकदमे दर्ज कराए और टॉर्चर दिया. जिसमें उन्होंने कई सारी बातें बताई हैं. उसमें से कुछ बातें उन्होंने अपने परिवार व बेटे को लेकर भी कही हैं, इसमें से एक सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि वह अपने बेटे के लिए गिफ्ट छोड़ गए हैं, जिसकी काफी चर्चा हो रही है। अतुल सुभाष तुम्हारी मौत और मां-बाप के आंसू किसी को पिघला नहीं पाएंगे, कानून महिलाओं को ही पीड़ित मानता है! जौनपुर की निकिता से ऐसे मिले थे समस्तीपुर के अतुल सुभाष… फिर बेंगलुरु में क्या-क्या हुआ, भाई ने बताया डार्क सीक्रेट बिहार में समस्तीपुर के अतुल सुभाष और यूपी के जौनपुर की निकिता सिंघानिया… दोनों की मुलाकात साल 2019 में एक मैट्रीमोनियल साइट पर हुई. निकिता ने बीटेक कंप्यूटर साइंस और एमबीए फाइनेंस की पढ़ाई की थी. अतुल पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. रिश्ता तय हुआ तो निकिता के परिवार ने कहा हम जल्दी शादी करवाना चाहते हैं।
कारण था निकिता के पिता की सेहत. वो काफी बीमार रहते थे. इसलिए चाहते थे कि जल्दी से बेटी की शादी उनके जीते-जी हो जाए। इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिसमें उनकी बीवी निकिता सिंघानिया का नाम भी शामिल है. दोनों की मुलाकात कैसे और कहां हुई. कैसे फिर शादी के बाद उनके बीच दिक्कतें आने लगीं। इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है। इस मौत ने IPC की धारा 498A और घरेलू हिंसा कानून पर सवाल उठा दिए हैं। हर कोई ये पूछ रहा है कि क्या पीड़ित सिर्फ महिलाएं ही होती हैं और पुरुष बस उत्पीड़क। आखिर ये कैसा कानून है,
जिसकी जटिलताओं के चलते एक ने जान दे दी। लीगल एक्सपर्ट से समझते हैं। नई दिल्ली: बेंगलुरू में एक एआई इंजीनियर अतुल सुभाष(40) ने सोमवार सुबह करीब 2.50 बजे फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। उसका शव बेंगलुरू में पंखे से लटकता मिला। अतुल ने मौत को गले लगाने से पहले 24 पेज लंबा सुसाइड नोट और 80 मिनट का वीडियो छोड़ा है, जिसमें उसने पत्नी और उसके परिवार की ओर से दी जा रही यातना के बारे में अपना दर्द बयां किया है। उसने एक जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उसकी मौत पर पिता ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
वहीं, अतुल की मां अंजू की चीखें गूंज रही हैं। वह कहती हैं कि मेरा बेटा इतनी जल्दी हार मानने वाला नहीं था। वह अंदर से टूट गया था, तभी वो हम सबको छोड़कर चला गया। वह मेरा बुढ़ापे का सहारा था। अतुल की मौत के बाद दहेज विरोधी IPC की धारा 498A और घरेलू हिंसा कानून को लेकर सवाल उठने लगे हैं। लीगल एक्सपर्ट से समझते हैं पूरी बात। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट अनिल कुमार सिंह श्रीनेत के अनुसार, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन पीनल कोड यानी IPC की धारा 498A को लेकर कुछ निर्देश जारी किए थे। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, अगर किसी महिला के साथ क्रूरता हुई है तो उसे क्रूरता करने वाले व्यक्तियों और उसकी वजहों के बारे में भी बताना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पीड़ित महिला को साफ बताना होगा कि किस समय और किस दिन उसके साथ पति और उसके ससुराल वालों ने किस तरह की क्रूरता की है। केवल ये कह देने से कि उसके साथ क्रूरता हुई है, इससे धारा 498A का मामला नहीं बनता है। हालांकि, निचली अदालतें कई बार ऐसे निर्देशों पर ध्यान नहीं देती हैं।